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शनि और राहु केतु अब नहीं करेंगे परेशान

शनि और राहु केतु अब नहीं करेंगे परेशान

शनि और राहु केतु अब नहीं करेंगे परेशान

कैसे माता दुर्गा की पूजा हमारे जन्म कुंडली और ग्रहों पर प्रभाव डालती है
माता दुर्गा हिंदू धर्म में शक्ति और सुरक्षा की देवी मानी जाती हैं। उनकी पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सुख-शांति आती है। खासकर नवरात्रि के समय माता की पूजा करने से कुंडली में मौजूद ग्रह दोष कम होते हैं और जीवन में तरक्की होती है।

आइए समझें कि माता दुर्गा की पूजा हमारे ग्रहों पर कैसे असर डालती है:

1. माता दुर्गा – संकट हारिणी और रक्षक माता दुर्गा शक्ति की प्रतीक हैं। उनकी कृपा से:

अशुभ ग्रहों का बुरा असर कम हो जाता है।
शुभ ग्रहों की ऊर्जा और अधिक फलदायी बनती है।
जीवन में संतुलन और सुख-समृद्धि आती है।
 

2. ग्रहों पर माता दुर्गा की कृपा का असर

a. शनि (Saturn)

  • समस्या: जीवन में देरी, संघर्ष और कठिनाइयाँ बढ़ाता है।
  • उपाय: माता दुर्गा की कात्यायनी रूप में पूजा करें। काले तिल चढ़ाएँ और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

b. राहु और केतु (Rahu & Ketu)

  • समस्या: भ्रम, अचानक परिवर्तन और अस्थिरता लाते हैं।
  • उपाय: माता दुर्गा के छिन्नमस्ता रूप की पूजा करें। लाल गुड़हल के फूल चढ़ाएँ और ग्रह शांति के लिए विशेष यज्ञ करें।

c. मंगल (Mars)

  • समस्या: गुस्सा, झगड़े और दुर्घटनाएँ बढ़ाता है।
  • उपाय: माता दुर्गा के स्कंदमाता रूप की पूजा करें। घी का दीप जलाएँ और मंगल दोष निवारण के लिए माता का स्तोत्र पढ़ें।

d. चंद्रमा (Moon)

  • समस्या: कमजोर चंद्रमा से मानसिक तनाव, चिंता और भावनात्मक अस्थिरता आती है।
  • उपाय: माता दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा करें। सोमवार को सफेद वस्त्र और चावल का दान करें।

3. कुंडली के दोषों को कम करने में माता दुर्गा की पूजा

काल सर्प दोष: जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं, तो यह दोष बनता है। नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा करने से इसका प्रभाव कम होता है।
पितृ दोष: पूर्वजों से जुड़े दोष जो जीवन में बाधाएँ लाते हैं। माता दुर्गा की पूजा और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करने से यह दोष दूर होता है।
श्रापित दोष: जब शनि और राहु एक साथ आते हैं, तो जीवन में कठिनाइयाँ बढ़ती हैं। “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जाप और हवन करने से यह दोष कम होता है।
 

4. नवरात्रि का विशेष महत्व

नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने से विशेष लाभ होता है:
चैत्र नवरात्रि: वसंत ऋतु में आती है और जीवन की बाधाओं को दूर करती है।
शारदीय नवरात्रि: शरद ऋतु में आती है और धन-समृद्धि का आशीर्वाद देती है।
 

5. माता दुर्गा की पूजा से होने वाले लाभ

बाधाओं से मुक्ति: ग्रहों के बुरे प्रभाव को कम करती हैं।
धन-समृद्धि में वृद्धि: कुंडली के धन भाव (द्वितीय और ग्यारहवां भाव) को मजबूत करती हैं।
मानसिक शांति: चंद्रमा को मजबूत कर मानसिक शांति प्रदान करती हैं।
कर्म दोषों का निवारण: पिछले जन्मों के बुरे कर्मों का प्रभाव कम होता है।
नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: जीवन में आने वाली बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं।
 

6. माता दुर्गा की पूजा कैसे करें?

मंत्र जाप करें: “ॐ दुं दुर्गायै नमः” का नित्य जप करें।
हवन करें: नवरात्रि के दौरान हवन करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
फूल और प्रसाद चढ़ाएँ: पूजा में लाल फूल, कुमकुम, नारियल और मिठाई का उपयोग करें।
दान करें: शुक्रवार को जरूरतमंदों को दान करें, जिससे माता दुर्गा की कृपा बनी रहे।
 

निष्कर्ष

माता दुर्गा की पूजा करना न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने का भी एक प्रभावी तरीका है। उनकी कृपा से कुंडली में मौजूद ग्रह दोष कम होते हैं, शुभ प्रभाव बढ़ते हैं, और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। माता दुर्गा की आराधना से व्यक्ति कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति प्राप्त करता है और अपने जीवन को सफल बना सकता है।

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